इस चिट्ठी में, मेेरे बाबा के सबसे प्रिय शौक – पुस्तकें पढ़ना और पुस्तकें भेंट करना - की चर्चा है।
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रूबी दादा को, बाबा की भेंट की गयी पुस्तक |
इस चिट्ठी में, मेेरे बाबा के सबसे प्रिय शौक – पुस्तकें पढ़ना और पुस्तकें भेंट करना - की चर्चा है।
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रूबी दादा को, बाबा की भेंट की गयी पुस्तक |
फैबइंडिया के दिवाली विज्ञापन पर, दो आपत्तियां हैं: इसे 'जश्न-ए-रिवाज' कहना और मॉडलों का बिंदी न लगाना। इस चिट्ठी में, इसी पर चर्चा है।
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फैबइंडिया का ट्वीट और विज्ञापन |
इस चिट्ठी में, बालिका (बेटी) ( Girl Child) दिवस के बहाने, कुछ चर्चा हिन्दी के बारे में।
मेरे घरेलू सहायक का बेटा सौरभ और बेटी सुभी अपने स्कूल ग्रीन वैली मॉडर्न स्कूल के सामने
विश्व हिन्दू परिषद का सम्मेलन लॉस एंजेलिस में था। इस चिट्ठी में, उस सम्मेलन एवं वहां के डिज़नी वर्ल्ड की चर्चा है।
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लॉस एंजलीस में विश्व हिन्दू परिषद के सम्मेलन में - धोती कुर्ते में रज्जू भैइया और उनके बायें अम्मां |
दादी की चिट्ठी - रमरीका यात्रा
भूमिका।। लन्दन होते हुऐ, वॉशिन्गटन।। फ्लोरिडा के सी-वर्ल्ड में मस्ती।। जमाइका, एरिज़ोना और सैन फ़्रांसिस्को की यात्रा।। विश्व हिन्दू परिषद के लॉस एंजेलिस सम्मेलन में।।
उन दिनों, मेरे एक इंजीनियर फूफा जी, जमाइका में, प्रतिनियुक्ति पर थे; मेरे एक चाचा ने अमेरिकन से शादी कर ली थी वे एरिज़ोना में रहते थे; और मेरे भाई के साले अरुण, सैन फ़्रांसिस्को में रहते थे। अम्मां, वहां उन लोगों के पास भी गयी थीं। इस चिट्ठी में उसी की चर्चा है।
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जमाइका में बैठे हुए बांये से राजश्री बुआ, अम्मां और पीछे खड़े हुऐ मानू फूफा जी |
दादी की चिट्ठी - रमरीका यात्रा
भूमिका।। लन्दन होते हुऐ, वॉशिन्गटन।। फ्लोरिडा के सी-वर्ल्ड में मस्ती।। जमाइका, एरिज़ोना और सैन फ़्रांसिस्को की यात्रा।।
वॉशिन्गटन के बाद अम्मां फ्लोरिडा गयीं थी वहां मेरी बहन की दूसरी ननद रहती थी। इस चिट्ठी में वहीं का वर्णन है।
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जीजी अपने ससुराल किन्नरपट्टी में, अपनी पाचों ननदों के साथ - सबसे दाहिने हैं मीरा दी जिनके साथ अम्मां फ्लोरिडा में रुकी थी। दाहिने से तीसरी हैं मुक्ता दी जिनके साथ अम्मां लन्दन में थीं। |
दादी की चिट्ठी - रमरीका यात्रा
भूमिका।। लन्दन होते हुऐ, वॉशिन्गटन।। फ्लोरिडा के सी-वर्ल्ड में मस्ती।।
इस चिट्ठी में, अम्मां ने लन्दन होते हुऐ, वॉशिन्गटन पहुचने और वहां के कुछ दर्शनीय स्थलों की चर्चा की है।
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अम्मां और दद्दा, इस ट्रिप में कैनाडा भी गये थे। यह चित्र कैनाडा में विनिपेग में खींचा गया था। |
दादी की चिट्ठी - रमरीका यात्रा
भूमिका।। लन्दन होते हुऐ, वॉशिन्गटन।।
१९८२ में, मेरी मां, अमेरिका घूमने गयीं थी। उन्होंने इसका विवरण पत्रों के द्वारा मेरे बेटे को दिया। यह चिट्ठी उन पत्रों की भूमिका है।
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पहली यात्रा- गंगोत्री |
सबसे नीचे, बायें तरफ से - चन्द्रा बुआ जी (रज्जू भैइया की सगी बहन), रूबी दादा (चन्द्रा बुआ जी के पुत्र), ऊषा बुआ (अशोक सिंघल की सगी बहन)
उसके ऊपर की पंक्ति में - दद्दा (मेरे पिता), अम्मां (मेरी मां), बड़े चाचा जी (रज्जू भैइया)
सबसे ऊपर उनके साथ गये दो सहयोगी
दादी की चिट्ठी - रमरीका यात्रा
भूमिका