Friday, September 16, 2011

प्यार तो होता ही है

इस चिट्ठी में, अंग्रेजी फिल्म 'लव हैपेन्स्' की समीक्षा है।
फिल्म का भावपूर्ण दृश्य

पॉन्डचेरी से लौटते समय हम दिल्ली रुके थे। हमारे पास कुछ समय था हम लोग वसंत कुंज की, डी.टी. स्टार पॉमेनेड मॉल में 'लव हैपंस्' फिल्म देखने चले गये। जब पीवीआर में फिल्म देखने पहुंचे तब दरवाजे पर,  सिक्योरिटी गार्ड ने बड़े अदब से स्वागत किया और कहा,
'गुड आफटर नून, सर।'
मैंने उसकी ओर देखा और मुस्कुरा कर नमस्ते कह कर उसका जवाब दिया।
वह समझ नहीं पाया कि क्या और क्यों कह रहा हूं। मैंने फिर उससे कहा

'नमस्ते।'
विधुर - पत्नी की मृत्य के दुख से नहीं उभरा
उसके बगल में एक युवती खड़ी हुई थी। वह बता रही थी कि आने वाले लोग किधर जाए। उसने मुस्कुरा कर मुझसे नमस्ते कहा। तब गार्ड के समझ में आया कि मैं क्या कहना चाहता हूं। तब गार्ड ने भी मुझसे नमस्ते किया। मैंने उसे याद दिलाया कि यह भारत है और जब अगली बार कोई आये तो पहले नमस्ते करना। उसने वायदा किया कि वह ऐसा ही करेगा।


'लव हैपेनस्' एक विधुर की प्यारी सी, भावनात्मक प्रेम कहानी है। इसकी पत्नी की मृत्यु, तीन साल पहले एक कार दुर्घटना में हो जाती है। उसने उस दुख से उभर ने के लिए, अपनी सहायता करने वाली पुस्तक  (Self help book) लिखी है। वे बहुत अच्छा बोलते हैं और उस पुस्तक की  बिक्री के लिए बढ़ावा दे रहे हैं। इसलिए वे सीएटल जाते हैं। 

सीएटल में, उनका सम्मेलन होटल में है। वहां लोग हैं। वे उनको यह बताते हैं कि लोग अपने दुखों को कैसे दूर करें। वे लोगों को इसके लिये प्रेरित करते हैं। लेकिन सच तो यह है कि वह अपनी पत्नी की मृत्यु के दुख से नहीं उभर पाये थे।

इलॉयस

विधुर की पत्नी सीएटल की थी और उसके माता पिता वहीं रहते थे। उनकी सास, ससुर उससे क्रोधित रहते थे। विधुर को लगता था  कि  वह इसलिए गुस्सा रहते हैं कि उनकी पत्नी की मृत्यु कार दुर्घटना में हो गयी है जिसमें वह स्वयं भी था और शायद  उसके सास-ससुर, उसे इस घटना के लिये जिम्मेवार मानते हैं। लेकिन वास्तव में, उसके सास-ससुर इसलिए गुस्सा रहते थे कि उसने अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद, उनसें कोई सम्बंध नहीं रखा था।


होटल में,  उसकी मुलाकात एक इलॉयस नाम की महिला से होती है जो फूल बेचने वाली है और वह उससे प्यार करने लगता है। वह महिला उसे इस बात के लिए उत्साहित करती है  कि वह अपने दुख से उभरे। बस यही कहानी है कि दूसरों को दुख को उभरने की सलाह एवं प्रेरणा देने वाला, क्या अपने दुख से उभर पाया?

यह एक रोमानी कहानी है और इसमें कोई ऐसा दृश्य नहीं है जिसे आप अपने बेटे या बेटी के साथ नहीं देख सकते। यह परिपक्व लोगों के लिए फिल्म है। मेरे विचार  से यदि आप किशोरावस्था से गुजर चुके हों तो इसे अवश्य देखें।

फिल्म देखने के बाद, शाम को गाड़ी पकड़ कर, हम अपने कस्बे में आ गये।  बहुत जल्द ही, हम लोग मथुरा चलेंगे। 


इस फिल्म का टेलर देखिये
 

मां की नगरी - पॉन्डेचेरी यात्रा
हो सकता है कि लैपटॉप के नीचे चाकू हो।। कोबरा मेरे हाथ पर लिपट गया।। घोड़ा डाक्टर, गायों और भैंसों की लात खाते थे।। पॉन्डेचेरी फ्रांसीसी कॉलोनी थी।। शाम सुहानी लग रही थी।। महिलाएं बेवकूफ़ बन रही हैं।। पैंतालिस मिनट में पांच हजार लोगों का खाना।। यह स्कूल अनूठा है।। शिव ने पार्वती को चूम लिया।। अरबिन्दो के संपर्क के आने से पहले, मां की शादी हो चुकी थी।। मातृमन्दिर, ऑरोविल की आत्मा है।। ऑरोविल की  सबसे अच्छी बात - इसकी हरियाली।। हमें बहुत पैसा मिल रहा है।। मैं आमिर खान हूं।। हिन्दूओं ने भी मन्दिर तोड़े।। भगवान को भी जलन होने लगी।। सात हाथी मिलकर भी नहीं हिला सके।। टाइगरकेव - देवी दुर्गा का पुण्य स्थल।। संगीतकार ऐ.आर. रहमान की सबसे बेहतरीन सुबह।।  क्या शाकाहारी खाना भी, इतना स्वादिष्ट हो सकता है।। काश, थॉम स्कूल जा पाता।। मैडम, जो आप कहें।। प्यार तो होता ही है।।

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About this post in Hindi-Roman and English 
is chitthi mein,'Love Happens' film kee sameeksha hai. yeh {devanaagaree script (lipi)} me hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post is review of the film 'Love Happens'. It is in Hindi (Devnagri script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

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7 comments:

  1. फिल्म समीक्षा के लिए आभार .अब मथुरा की प्रतीक्षा ..खारे पानी का देश!

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  2. राह निकल आती हैं, हम स्वयं रोड़े अटकाये बैठे रहते हैं।

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  3. मौका मिला तो अवश्य देखेंगे.

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  4. सुन्दर. बड़ी रूमानी लगी. हम भी किसी "इलॉयस" की प्रतीक्षा में हैं.

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  5. काश कि देख पायें।

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  6. दिया तले का अंधेरा आखिर दूर हो ही गया । कभी मौका लगा तो यह फिल्म जरूर देखेंगे ।

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  7. bahut hi sunadar mulyankan
    hum ye film jaroor dekhenge .
    aap ka shukriya is post ke liye

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